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(मधुरेश, पटना).
हाई-फाई बात है। कृपया, बीपीएल वाले आंख-कान बंद कर लें। मोबाइल रखते हों, तो उसे भी स्विच आफ कर लें। इस वैधानिक चेतावनी के बाद मैं निश्चिंत हूं। अब कोई किसी चक्कर में फंसता है, तो अपनी बला से।
भई, मैं वैलेंटाइन बाबा का शुक्रगुजार हूं। थैंक्स टू वैलेंटाइन बाबा। मेरी आंखें खोल दी। मुझे लोअर मिड्ल क्लास मेंटालिटी से उबार लिया। हाई क्लास मेंटालिटी का लेटेस्ट स्वाद दिया। अहा, यह कितना रसीला है; कितना ताकतवर है-‘हिन्दुस्तनवा’, ‘इंडिया’ बन रहा है।
आज पहली दफा मुझे प्रपोज किया गया। कई-कई प्रपोजल। पूरा दिन द्वंद्व में गुजरा। ‘काजू खायें या बादाम’-सोचता रह गया। मोबाइल का मेसेज बाक्स कई दफा भरा। यह वाली नाम नहीं बता रही है। मगर सुंदर-सलोनी होने की गारंटी करते हुए मुझसे पूछ रही है-‘मुझसे प्यार करोगे?’ मात्र 10 रुपये में पूरे मिनट भर का प्यार। और इस मेसेज में तो प्रपोज करने वालियों की पूरी सिरीज है। तगड़ा आप्शन। ‘सोनी से बात के लिए डायल करें .., सानी के लिए .., और डाली-गुडि़या-जानी-रूम्पा के लिए ..!’ शायद आप्शन के चलते चार्ज थोड़ा ज्यादा है-प्रति मिनट 15 रुपये।
पत्नी की डर से दिल पर पत्थर रख इन्हें डीलिट कर ही रहा था कि कुछ और मेसेज टपके। एक इस उम्र में मुझे तरीका बता रहा है-‘कैसे किया जाता है प्यार का इकरार! कैसे करेंगे उन्हें प्रपोज इस वैलेंटाइन डे पर! जानिये डा.रिया से। डायल करें ..।’ दूसरा कान में मंत्र फूंकने वाला है-‘हे, मैं आपके जीवन को प्यारा बनाने के लिए एक मंत्र बनाया है। मंत्र सुनने के लिए डायल करें टोल फ्री ..!’ तीसरा चांद दिखा रहा है-‘अगर चांद में दिखता है आपको अपने प्यार का चेहरा, तो मत करिये इंतजार। काल करें ..। कह दो अपने दिल की बात एक गाने, शायरी के साथ। रेट 6 मिनट प्रति मिनट।’ मैं पत्नी का मुंह बड़ी गंभीरता से देखने लगा। बेचारी अकबका सी गयी। शायद यही सोच रही होगी-‘आज इसे हो क्या गया है?’
एक मेसेज था-‘इससे पहले नेटवर्क जाम हो जाये। विशिंग का सिलसिला आम हो जाये। आपको दिल से विश करने वालों में हमारा पहला नाम हो जाये। हैप्पी वेलेंटाइन डे।’ कुछ आफर भी-‘डेली रुपया 150 का री-चार्ज पाओ; बस इतना बताओ कि वेलेंटाइन डे कब है? 14 फरवरी के लिए मेसेज वीटी ए और 14 मई के लिए वीटी बी टाइप करें। भेजें .. पर। रुपया 3 प्रति एसएमएस।’ एक और आफर-‘प्यार के गाने। प्यार भरी शायरी और भी प्यार के कई रंग। सुनिये और गिफ्ट करिये अपने वैलेंटाइन को। टोल फ्री नंबर ..।’
जरा प्यार और मोबाइल में साम्य तो देखिये-‘दिल बदल न देना सिम कार्ड की तरह; दोस्ती लो न करना बैटरी की तरह; प्यार कम न करना बैलेंस की तरह; हमेशा मेरी जरूरत महसूस करना चार्जर की तरह।’ एक तो मुझे उल्लू बना गया-‘वन स्पेशल सरप्राइज फार यू। सो क्लोज योर आईज। 10, 9, 8, 7, 6, 5, 4, 3, 2, 1। यू चीट, यू डीड नाट क्लोज योर आईज। सो, नो सरप्राइज। विश यू हैप्पी वैलेंटाइन डे।’
एक स्टूडियो में मटुकनाथ जी और जूली जी बैठीं हैं। लव काउंसिलर का रूप। प्रेम की नई-नई परिभाषाएं समझा रहे हैं। अगेन थैंक्स टू वैलेंटाइन बाबा। मेरे ज्ञान का लगातार एक्सटेंशन हो रहा है। एक चैनल पुराने क्लिपिंग्स जोड़ नया मसाला पेश किये है। प्यार का फूल पैकेज। चिक-लीप के बारे में इतना ज्ञान कि लंबा भाषण ठेला जा सकता है। अभी तक मैं स्टैंडर्ड वन की पोएट्री के हवाले ही इसे जानता था-‘डिंपल चिक, रोजी लीप ..!’ गुलाब के कई किस्म और रंगों के आधार पर प्यार की परिभाषाएं जानी।
एक पार्क में हंगामा मचा है। एकाध जोड़ों को बेइज्जत कर कुछ लोग खुद को भारतीय सभ्यता-संस्कृति का ठेकेदार साबित कर रहे हैं। प्रेम की अपनी-अपनी परिभाषा।
अभी तक मुझे प्यार और प्रेम में कोई बुनियादी अंतर नहीं दिखता था। लेकिन एक मेसेज ने इसे स्पष्ट किया है। हैप्पी सिंह अपनी पत्नी को प्यार एवं प्रेम का फर्क समझा रहे हैं-‘प्यार मैं अपनी बहन के साथ करता हूं और प्रेम तुम्हारी बहन के साथ।’ हैप्पी की तरह मटुक भाई ने भी नई राह दिखायी है। मेरी राय में प्रेम के मामले में संपूर्ण बिहार को काउंसिलिंग की दरकार है। पे्रेमशास्त्र को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करने की मांग भी उठायी जा सकती है। अहा, कितना लजीज होगा सिलेबस! कल्पना करके ही मुंह में पानी आ गया।
अब मैं भी मानने लगा हूं कि प्रेम का ग्लोबलाइजेशन होना ही चाहिये। बारूद की ढेर पर बैठी दुनिया के लिए यह बहुत जरूरी है। बाप रे दुनिया कहां पहुंच गयी! और हम हैं कि ‘बिंदास बोल कंडोम’ के जमाने में भी ..!
वास्तव में लोअर ग्रेड मिजाज बड़ा रिवोल्यूशनरी और री-एक्शनरी है। शर्म और गुस्से के टारगेट बदल गये हैं। जिंदगी में हारे लोग क्रिकेट में अपनी जीत तलाशते हैं। यह देश सपनों में जीता है। सपने परोसने वाले मौज में हैं। सुविधा से लिबर्टी और प्रोग्रेस की परिभाषा तय कर ली गयी है। खैर, वैलेंटाइन बाबा से एक आग्रह है। अब कभी संडे को वैलेंटाइन डे न आये। ढेर सारी व्यावहारिक दिक्कतें हैं।
और अंत में ..! ‘वेलकम टू एसएमएस केयर। खुशी पाने के लिए 1 दबाएं। मुस्कुराने के लिए 2 दबाएं। हमसे दोस्ती के लिए 3 दबाएं और हमसे छुटकारा पाने के लिए अपना गला दबाएं।’ जय हो वैलेंटाइन बाबा की।
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