Menu
blogid : 53 postid : 67

टिकट का एडवांस

फंटूश
फंटूश
  • 248 Posts
  • 399 Comments

मैं अभी तक टिकट के कुछ प्रकार को जानता था। मुझे एडवांस बुकिंग के बारे में इतना ही ज्ञान था कि रेलवे में वेटिंग या आरएसी होता है। ऐसा सिनेमाघर में नहीं होता है। लेकिन राजनीति में …! भाई लोगों ने टिकट और बुकिंग के बारे में मेरा ज्ञानवद्र्धन किया है। आपसे शेयर करता हूं। यह पालिटिक्स की थोड़ी पुरानी टर्मलाजी है। मगर अबकी चुनाव में ऐसे लागू है, मानों बाजार में जस्ट लांच की है। यह एक बुकिंग काउंटर का सीन है। एक बंद जगह पर कुछ लोग नेताजी को घेर कर बैठे हैं। उनको आश्चर्य है कि नेताजी ने अभी तक अपना पाला तय क्यों नहीं किया है? क्यों, दोनों तरफ मुंह मार रहे हैं? नेताजी सबको धीरज दे रहे हैं-‘काहे परेशान हो? देखो न, कौन कितना देता है?Ó बात, टिकट की है। फ्लैशबैक देखिये-दोनों बड़े गठबंधन के दिग्गज नेताजी के संपर्क में हैं। एक आफर सुनाकर जाता नहीं कि दूसरा आ जाता है। नेताजी का बाजार टाइट है। काउंटर पर खूब माल गिर रहा है। टिकट की एडवांस बुकिंग। अब एक माल डाउन करने वाले की दास्तान सुनिये। उसने पटना जिले की एक सीट के लिए एडवांस दिया था। नेताजी अभी जिस मोड में हैं, इस सीट पर उसकी कोई गुंजाइश नहीं है। उसने नेताजी को सलाह दी-‘आप चेंज क्यों नहीं लेते हैं?Ó एक मालदार अपनी खातिर नेता को वाजिब पाला समझा रहा है। अभी ऐसे काउंटर थोक भाव में हैं। पार्टियों में ढेर सारे क्षत्रप हैं। सबका अपना-अपना काउंटर है। सबकी अपनी-अपनी लिस्ट है। इनको तुष्ट करना नेतृत्व की बड़ी चुनौती है। खुद नेतृत्व से जुड़े लोगों का भी काउंटर है। अभी चिंतन-मनन के मौके पर एक सर जी की गर्जना सुनाई पड़ी। यहां भी टिकट ही है। एक अफसर का अध्यक्ष जी को दिया गया एडवांस डूब गया। सबसे पुरानी पार्टी से कुछ नहीं हुआ, तो उसने मार्केट में 75 लाख का आफर लांच कर दिया। टिकट की मार फंसी है। गंभीरता से चुनाव लडऩे वाले भी बदनाम हो रहे हैं। यह नेताओं का दिमाग है, ज्ञान है। जरा, इस ज्ञान को भी देखिये। एक को अभी-अभी पता चला है कि बिहार की दुर्दशा का कारण क्षेत्रीय दलों का शासन है। टिकट पर एक नेताजी भड़के, तो उन्हें सीधे यूरोप जाने का ज्ञान हुआ। देखें, अब यूरोप से कौन सा ज्ञान लेकर लौटते हैं? एक सर जी भी अपने मैडम जी का इसी अपेक्षा से इंतजार कर रहे हैं। और जनता तो बिहार की है, यहीं रहेगी; मरेगी। वाह लोकतंत्र, वाह!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh