Menu
blogid : 53 postid : 240

नेता और ताली

फंटूश
फंटूश
  • 248 Posts
  • 399 Comments

थैंक्स टू डा.अच्युतानंद …! उन्होंने नये साल में मेरा ज्ञान बढ़ाया है। मैं अपने दिमाग में जस्ट लांच किये डाक्क साब के ज्ञान को आपसे शेयर करता हूं। मेरी कामना है कि नववर्ष में आप भी नेताओं के नये-नये गुण से वाकिफ हों, ज्ञानवान बनें। हां तो डाक्क साब ने बताया है कि नेता, जनता से ताली बजवाने के लिए क्या-क्या करता है? डाक्क साब ने इसे दिखाया भी है। डाक्क साब, महनार के विधायक हैं। वे महनार की महान जनता के बीच बोल रहे हैं। मैं उनको सुन रहा हूं। डाक्क साब बोल रहे हैं-अगर आपका बेटा थाना में बंद है, तो दरोगा का कालर पकड़कर मैं उसे बाहर ला सकता हूं। यह हिम्मत इस जिला में किसी को नहीं है। बस मुझमें है। मैं देख रहा हूं-जनता तालियां पीट रही है। नेता जी-जनता जी, दोनों जोश में हैं। जोश बढ़ रहा है। तालियों पर तालियां। जयकारा। चलिये …, लोकतंत्र अपने लजीज रंग में है। खैर, मैं एक दिन बाद देख रहा हूं-सीन बदला हुआ है। डाक्क साब फिर बोल रहे हैं। मैं फिर उनको सुन रहा हूं- मैंने लगातार विपक्ष की राजनीति की है। धरना- प्रदर्शन, आंदोलन यानी जोश -खरोश की राजनीति की आदत रही है। … कभी-कभी यह सब बोलाऽ जाता है। तालियां बजती हैं। बोलाऽऽ गया। डाक्क साब कहना चाहते हैं कि तालियां बजवाने, पब्लिक को चार्ज करने के लिए उन्होंने अपनी जुबान को उछाल दिया; इन शब्दों का इस्तेमाल किया। अब जरा मोदी जी (सुशील कुमार मोदी, उपमुख्यमंत्री) को सुनिये। डाक्क साब की जुबान के बारे में वे कह रहे हैं-उनकी मंशा गलत नहीं थी। कभी-कभी नेता लोग ऐसा कुछ बोल जाते हैं। यानी, उन्होंने भी पालिटिक्स में ताली वाली टिप्स कबूली है। कुछ दिन पहले की बात है। विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष गुलाम गौस विवाद में पड़ गये। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बोला था। बवाल मच गया। बाद में गौस साहब की सफाई आयी-मेरे कहने का यह आशय नहीं था। अब लोगों ने गलत समझ लिया, तो मैं क्या करूं? नेता लोग अक्सर ऐसा करते हैं। मैं यह तय नहीं कर पा रहा हूं कि आखिर नेता लोग क्या नहीं करते हैं? बाप रे बाप …, उन्होंने अपनी सुविधा के लिए क्या-क्या नहीं किया हुआ है? वे हर स्तर पर अपने लिए भरपूर गुंजाइश रखते हैं। मेरी राय में यह वही मिजाज है, जो रंगुआ सियार से लेकर कुत्ता, बंदर, सांप, भालू, बिलार, छछुंदर, सांढ़ जैसे विशेषणों पर आधारित बदजुबान राजनीति करवाती है। पेट में दांत पर बात होती है, तो भूत और ग्रहण में बिस्कुट खाने से लेकर पितृपक्ष में शादी तक की बात उठती है। मैं देख रहा हूं कि नेताओं ने अपनी सहूलियत से और बस अपने ही फायदे के लिए तमाम तरह की बातें तय की हुईं हैं। अब तो किसी मामले में फंसने पर वे यह भी बोलने से नहीं हिचकते कि उनको इस बारे में कुछ याद नहीं है। इतने दिन नहीं हुए कि लोग भूल जायें! अपने चिदंबरम साब का नाम टू जी स्पेक्ट्रम घोटाले में खूब उछला। जनाब सीधे बोल गये कि उन्हें तो कुछ याद ही नहीं है। खेल मंत्री रहे सुरेश कलमाडी को भी सेम प्राब्लम रहा है। उनको राष्ट्रमंडल खेल के बारे में शायद ही कुछ याद रहा है। बेचारे सीबीआई वाले क्या कर लेंगे? मैं यह बात बचपन से सुनता -पढ़ता-देखता रहा हूं कि नेता, भुलक्कड़ होता है। उसे शायद ही कुछ याद रहता है। अपने मधु कोड़ा जी तो डायरी लिखते थे। डायरी, याद को दुरुस्त रखने का अच्छा माध्यम है। लालू प्रसाद, अपनी गलतियां गांव वालों से पूछने खातिर ग्राम यात्रा पर निकलने की बात कहते रहते हैं। वे अपनी गलतियां भूल चुके हैं। वे गांवों को निकलने की बात भी जब-तब भूल जाते हैं। बेशक, नेता को कुछ भी याद नहीं रहता है। जनता से किया गया वायदा, संविधान की शपथ …, कुछ लोग तो अपनी पार्टी भूल जाते हैं। यह भी कि सुबह में वे किस पार्टी में थे और शाम में किस पार्टी में हैं? इसी अंदाज में आदर्श, ईमानदारी, संस्कार, नैतिकता …, सबकुछ भुलाई गई है। मेरे लिए यह सब पुराना ज्ञान है। मगर डाक्क साब (डा. अच्युतानंद) ने राजनीति में ताली तथा पब्लिक के यूज को नया व ईमानदार आयाम दिया है। मैं उनकी ईमानदारी का फैन हो गया हूं। उन्होंने ईमानदारी से कबूल लिया है कि तालियों के लिए नेता लोग, कैसे-कैसे गेस्चर- पोस्चर बनाते हैं; जुबान को कहां-कहां से मोड़ते हैं? हिम्मत की बात है। अब तो मुझे नेताओं की उन ढेर सारी बातों पर भरोसा नहीं हो रहा है, जिन पर महान भारत की हम महान जनता आजादी के बाद से भरपूर तालियां पीटते रहे हैं। नेता, तालियां बजवाकर भी सबकुछ भूल जाता है। अब मुझे यह पता नहीं कि उनको अपने बारे में भी कुछ याद रहता है या नहीं? हां, मैं यह तो जानता हूं कि नेता को बस कुर्सी और अपना परिवार याद रहता है। यह भी पुराना ज्ञान है। डाक्क साब वाला लेटेस्ट है।

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh